अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष की प्रमुख ने कहा- दुनिया की अर्थव्यवस्था दोबारा मंदी की ओर, 2009 से बुरे होंगे हालात

नई दिल्ली. कोरोनावायरस ने दुनिया की अर्थव्यवस्था को मंदी की तरफ धकेल दिया है। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष की प्रमुख क्रिस्टेलिना जॉर्जिवा ने शुक्रवार को वॉशिंगटन स्थित लैंडर्स स्टीयरिंग कमेटी के साथ हुई बैठक के बाद यह बात कही। आईएमएफ चीफ ने कहा- यह साफ हो चुका है कि दुनिया की अर्थव्यवस्था मंदी की चपेट में है और हालात 2009 से ज्यादा बुरे हैं। मौजूदा हालात में विकासशील देशों को इससे उबारने में बड़े फंड की जरूरत होगी। शुरुआती अनुमान के मुताबिक यह राशि 2.5 ट्रिलियन डॉलर हो सकती है। हालांकि, उन्होंने यह चेताया कि यह शुरुआती अनुमान है और यह राशि बढ़ भी सकती है। 


जॉर्जिवा ने आगे कहा कि कोविड-19 के कारण कई उभरती हुई अर्थव्यवस्थाओं की हालत खराब है। बीते कुछ हफ्तों में इन बाजारों से करीब 83 बिलियन डॉलर की पूंजी निकल गई है। पहले से ही कर्ज के बोझ तले दबे देश घरेलू संसाधनों के बूते इससे बाहर नहीं निकल सकते हैं। अभी से ही कम आय वाले 80 देशों ने आईएमएफ से आपात मदद मांगी है। उन्होंने आगे कहा कि हम जानते हैं कि इनके भंडार और घरेलू संसाधन नाकाफी साबित होंगे। ऐसे में आईएमएफ को इस हालात से निपटने के लिए तेजी से काम करना होगा और ऐसे अभूतपूर्व कदम उठाने होंगे, जो पहले नहीं लिए गए।